बिहार की महनार विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण अब साफ नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस सीट से रामा किशोर सिंह का टिकट लगभग पक्का माना जा रहा है। पार्टी के अंदर यह निर्णय लिया गया है कि अगर वे स्वयं चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो उनके परिवार से ही कोई उम्मीदवार मैदान में उतरेगा।
रामा किशोर सिंह अब चिराग पासवान के हेलीकॉप्टर की सवारी करते हुए चुनावी रण में उतरेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही बनाना है और सरकार बीजेपी के नेतृत्व में बनेगी। महनार सीट को पार्टी की कमिटमेंट सीट बताते हुए कहा गया है कि किसी भी कीमत पर यहाँ रामा किशोर सिंह को चुनाव लड़ाया जाएगा।
इसी बीच, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी अपने इलाके में सक्रियता बढ़ा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने नागदा में कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कई स्थानीय नेता शामिल नहीं हुए। इसके बावजूद उन्होंने अपने पोस्टर पूरे इलाके में लगवाए, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा और विवाद बढ़ा है।
एक तरफ रामा किशोर सिंह की मजबूत एंट्री और एलजेपी का स्पष्ट स्टैंड, तो दूसरी तरफ जेडीयू अध्यक्ष की सक्रियता—महनार विधानसभा चुनाव को और भी दिलचस्प बना रही है। अब यह देखने वाली बात होगी कि जनता किसके साथ खड़ी होती है।
आज सुबह से ही सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें तेजस्वी यादव को अजय कुशवाहा के कंधे पर हाथ रखते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है और महागठबंधन के आगामी चुनाव रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने इस मौके पर साफ शब्दों में कहा — "आज सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन भी बेहद जरूरी है।" यह बयान महागठबंधन के भीतर राजनीतिक माहौल को और गर्मा सकता है, क्योंकि यह स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी किसी भी ऐसे प्रत्याशी को टिकट देने के पक्ष में नहीं है जिसका विवादों से जुड़ाव रहा हो।
महागठबंधन के सूत्र बताते हैं कि आगामी चुनाव में जातिगत समीकरण का बड़ा प्रभाव रहेगा। इसलिए टिकट वितरण में यह देखा जा रहा है कि उम्मीदवार न सिर्फ अपनी साख बल्कि जातिगत समर्थन का संतुलन भी बनाए रखें। इसी रणनीति के तहत अजय कुशवाहा का नाम महागठबंधन के संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर माना जा रहा है।
वैशाली से महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में अजय कुशवाहा की चर्चा काफी समय से हो रही है। उनके समर्थन में तेजस्वी यादव की यह तस्वीर इस चर्चा को और अधिक हवा दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम महागठबंधन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि इससे पार्टी को ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत जनाधार मिलने की संभावना है।
तेजस्वी यादव की यह पहल और अजय कुशवाहा के समर्थन की यह तस्वीर महागठबंधन की चुनावी रणनीति में नई दिशा दे सकती है। अब सभी की निगाहें महागठबंधन की औपचारिक घोषणा पर टिकी हैं, जो इस राजनीतिक जंग में निर्णायक मोड़ ला सकती है।
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